17 April 2011

तेरी याद में



तेरी याद में मैं जरा अपनी आँखे "भिंगो" लूँ !
'उदास' रात की खामोश "तनहाई" में सो लूँ !!
अकेले ग़मों का बोझ अब है "संभलता" नहीं !
अगर तू मिलजाए तो तुझसे लिपटके रो लूँ !

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